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शिक्षक, शिक्षिकाओं ने प्राचार्य पर आर्थिक अनियमितताओं सहित, चरित्र हनन तथा अभद्र व्यवहार के लगाये आरोप

धार। शासकीय उच्चतर मा.वि. गुणावद के शिक्षक, शिक्षिकाएॅ एवं शाला प्रबंधन समिति की सदस्यों ने जनसुनवाई में पहुॅचकर प्राचार्य की हठधर्मिता, मानसिक रूप से प्रताड़ित करने, आर्थिक अनियमितता, निलंबन की धमकी तथा अभद्र व्यवहार को लेकर प्राचार्य के विरूद्व जनसुनवाई में जिला पंचायत के सीईओ को आवेदन सौंपा तथा माॅग की संस्था से प्राचार्य को हटाया जावे या हमें अन्यंत्र पदस्थ कर दिया जावे। क्योकि प्राचार्य के द्वारा आये दिन छोटी-छोटी बातों को लेकर स्पष्टीकरण दिया जाता है और हमारी झूठी शिकायतें गाॅव वालों के नाम से कर दी जाती है, जिससे आये दिन संस्था में जाॅच अधिकारी आते है और हमारा अधिकांश समय जाॅच के कथन लिखने तथा स्पष्टीकरण के जवाब देने में बीत जाता है। जिससे हम संस्था के बच्चों को स्वस्थ्य मन से अध्ययन नही करवा पा रहे है। हम सभी मानसिक रूप से काफी परेशान हो गये है। शाला प्रबंधन समिति की सदस्य श्रीमती अलका सवनेर, श्रीमती धापूबाई सवनेर, रूकमाबाई पंवार ने प्राचार्य पर आरोप लगाया कि तार फेंसिंग के नाम पर प्राचार्य ने स्कूल के बच्चों से जबरन अवैध वसूली कक्षाध्यापकों से करवाई गई है। जबकि आरटीई एक्ट के अंतर्गत राज्य शासन ने कक्षा 1 ली से 8 वीं तक निःशुल्क शिक्षा दी जाना है इन बच्चों से फीस भी नही ली जा सकती है किंतु प्राचार्य के द्वारा तार फैसिंग के नाम पर अवैध वसूली जबरन करवाई गई है। आवेदन में बताया गया है कि संस्था में करीबन 40 पंखे लगे हुए थे वह भी गायब है। हैंडस्टार्ट योजना के कम्प्यूटर भी एक दो बचे हुए है वह भी नही है और बच्चों के खेलकूद की सामग्री एक कमरे में बंद है धूल खा रही है। आवेदन में आरोप लगाया गया है कि अवकाश स्वीकृत कराने के लिए प्राचार्य के द्वारा रूपयों की माॅग की जाती है। प्राचार्य के द्वारा आये दिन निलंबन कराये जाने की धौंस दी जाती है और संस्था के शिक्षक व शिक्षिकाओं के साथ अभद्र व्यवहार कर अपशब्दों का प्रयोग किया जाता है तथा शिक्षिकाओं पर चरित्र हनन के आरोप भी प्राचार्य के द्वारा लगाये जाते है और प्राचार्य के द्वारा सार्वजनिक रूप से अपमानित कर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता रहा है। शिक्षकों द्वारा बताया गया कि संस्था के शौचालयों में ताला लगा रखा है जिससे संस्था की बालक व बालिकाएॅ खुले में शौच करने के लिए मजबूर है। प्राचार्य स्वयं मुख्यालय पर न रहते हुए इंदौर से आना जाना करती है और निर्धारित समय से न आते हुए देर से आती है और निर्धारित समय के पूर्व ही जल्दी संस्था से इंदौर के लिए रवाना हो जाती है। संस्था में वार्षिक उत्सव मनाया जाता है। उसके लिए भी प्राचार्य के द्वारा स्कूल के बच्चों से राशि कक्षाध्यापकों से एकत्रित करवाई जाती है। विभाग द्वारा जाॅचकर्ता अधिकारी नियुक्त किये जाते है। प्राचार्य उन्हे सहयोग न देते हुए जाॅचकर्ता अधिकारियों को भी अपमानित कर कह देती है कि आप हमसे पद में छोटे है और हमारे समकक्ष है आप हमारी जाॅच नही कर सकते है। संस्था की शिक्षिकाओं ने आरोप लगाया कि प्राचार्य हमारे साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार करती है। अवकाश का आवेदन देने के बाद भी प्राचार्य द्वारा अनुपस्थिति लगा दी जाती है। शिक्षक, शिक्षिकाओं ने माॅग की है कि संस्था से प्राचार्य को तत्काल हटाया जावे उसके बाद जाॅच की जावे अन्यथा प्राचार्य जाॅच को प्रभावित करेगी। जिला पंचायत सीईओ ने आवेदन की जाॅच कराये जाने के पश्चात कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है। प्रभारी सहायक आयुक्त पी सी सोनी से भी मुलाकात कर शिक्षक शिक्षिकाओं ने अपनी समस्या को बताया। प्रभारी सहायक आयुक्त ने जाॅच कराये जाने की बात कही है। उक्त जानकारी संस्था की सुश्री अनिता वर्मा, श्रीमती रश्मि भिड़े, उषा चैहान, धीरेन्द्र राठौर, सीमा सोलंकी, प्रतिभा परमार तथा शाला प्रबंधन समिति की सदस्य श्रीमती धापूबाई सवनेर, श्रीमती अलका सवनेर, श्रीमती रूकमाबाई पंवार ने दी।
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रियाज़ खान चितौड़गढ़ के नेतृत्व में पत्रकारों ने दिया ज्ञापन

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