• India
  • Last Update 11.30 am
  • 26℃
    Warning: Undefined variable $city in /var/www/khabrenaajtak.com/news.php on line 114
    India
news-details

देपालपुर से कांग्रेस मैं टिकट के लिये हो रही उठापटक

विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी गलियारों में गहमागहमी का माहौल लगातार बना हुआ है और टिकट के दावेदारों की सक्रियता भी बढ़ने लगी है। इंदौर की देपालपुर विधानसभा में भी कुछ ऐसा ही नजारा दिखाई दे रहा है और देपालपुर से बीजेपी के मौजूदा विधायक मनोज पटेल को सीधी टक्कर देने के लिए कांग्रेस के एक और नेता मैदान में है। जी हां देपालपुर कांग्रेस में जहां पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल और विशाल पटेल के बीच जोरआजमाइश देखी जा रही है तो वहीं अब किसान कांग्रेस के नेता मोतीसिंह पटेल ने भी मैदान संभाल लिया है। किसान कांग्रेस के नेता मोतीसिंह पटेल पिछले दिनों एमपी में हुए किसान आंदोलन के दौरान भी चर्चाओं में रहे थे और अब देपालुपर में भी मोतीसिंह किसानों के मुद्दों को लेकर शिवराज सरकार के खिलाफ किला लड़ा रहे हैं। इतना ही नहीं देपालपुर में मनोज पटेल के सामने भी मोतीसिंह पूरी चुनौती दे रहे हैं। मोतीसिंह पटेल ने पिछले दिनों देपालपुर के गौतमपुरा में एक किसान की मौत होने बाद जंगी प्रदर्शन भी किया था जिसके चलते गौतीमपुरा बंद का आव्हान किया गया था। इस आंदोलन में भी मोतीसिंह ने किसानों को एकजुट करने के साथ ही विधायक मनोज पटेल को चनौती देने में सफल रहे थे..

दरअसल पिछले दिनों कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने भी एक बयान दिया था जिसमें उनका कहना था कि आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस धनबल और बाहुबल वाले नेताओं की बजाए सक्रिय नेताओं को टिकट देगी जिससे आगामी चुनाव में शिवराज सरकार piके खिलाफ मजबूती के साथ मोर्चा खोला जा सके। ऐसे में देपालपुर में किसान कांग्रेस के नेता मोतीसिंह भी पूरी दमदारी के साथ मैदान में उतर आए हैं। देपालपुर की राजनीति में विधानसभा चुनाव से पहले जिस तरह से नये समीकरण बनते हुए नजर आ रहे हैं उसके बाद एक बात तो साफ है कि टिकट को लेकर कांग्रेस में बड़ी उठापटक भी देखने को मिल सकती है। वहीं पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल और कांग्रेस नेता विशाल पटेल की खींचतान के बीच मोतीसिंह कितना दम भरते हैं यह देखना भी लाजमी होगा।
  • Tags

रियाज़ खान चितौड़गढ़ के नेतृत्व में पत्रकारों ने दिया ज्ञापन

लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के प्रहरियों/ रक्षकों तथा निष्पक्ष पत्रकारिता के संवाहकों की रक्षा नितांत आवश्यक