प्रदेश में पत्रकार असुरक्षित पत्रकार पर जानलेवा हमला, पत्रकार को मार कर नाले में फेंका
भोपाल। प्रदेश में पत्रकारो के विरुद्ध लगातार घटित घटनाओं, जानलेवा हमलो के मामले उजागर होने के बावजूद प्रदेश सरकार की खामोशी निराशाजनक है । प्राप्त जानकारी के मुताबिक पत्रकार लक्षमी नारायन की भूमि जिला भोपाल के बाग सेवनिया थाना कटारा क्षेत्र के ग्राम बर्रीइ में हैं। उन्होंने अपनी खेत लगभग 8,10 वर्ष से ग्राम के ही विजय पुत्र गोविन्द राम को बटाई पर दे रखी थी। विजय दबंग होने के कारण उनकी भूमि पर अपना कब्ज़ा जमा लिया। पत्रकार द्वारा जब खेत खाली करने के लिये कहा गया तो विजय ने 20 लाख़ रूपये की मांग की साथ ही धमकी भी दी और कहा कि अगर रूपया नही दिये तो खेत खाली करवाने के लिये मत वरना जान से मार देंगे। उक्त बातों की शिकायत पत्रकार द्वारा 4,5 दिन पहले कटारा थाने में की जा चुकी है, लेकिन पुलिस-प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नही की गई। फलस्वरूप
शुक्रवार को विजय द्वारा धान की कटाई की जा रही थी जिस कि भनक पत्रकार को लगी। जब उसने रोकने का प्रयास किया तो आठ दस लोगों ने मिलकर पत्रकार पर प्राणघातक हमला किया । गम्भीर रूप से हाथ पैर तोड़ कर मरा हुआ समझ कर नाली में फेंक दिया। स्थानीय लोगों में से किसी ने 108 एम्बूलेंस को इसकी सूचना दी जो तत्काल मौके पर पहुंच कर नाली से निकलवाकर होशंगाबाद रोड स्थिति सहारा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया जहां उनकी हालत गम्भीर बनी हुई है।
गौरतलब हो कि पत्रकार लक्ष्मी नारायण विश्वकर्मा ने 5 दिन पहले रिपोर्ट लिखाई थी लेकिन पुलिस प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं हुई। अगर कार्यवाही हो जाती तो आज यह घटना घटित ना होती।
अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति के राष्ट्रीय महासचिव सैयद खालिद कैस ने इस घटना पर पुलिस के रवय्ये पर रोष व्यक्त करते हुये आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर पत्रकार हित में *पत्रकार सुरक्षा कानून* लागू नही कर रही । पुलिस का पत्रकारों के प्रति व्यवहार भी निंदनीय है ।श्री कैस ने पत्रकार लक्ष्मीनारायण के साथ घटित घटना पर तीखी निंदा करते हुये मामले की जाँच कर दोषी पुलिस वालों कॊ दण्डित करने की माँग की ,यदि पुलिस समय रहते कारवाई करती तो पत्रकार के साथ घटना घटित नही होती ।
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लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के प्रहरियों/ रक्षकों तथा निष्पक्ष पत्रकारिता के संवाहकों की रक्षा नितांत आवश्यक