ईवीएम से चुनाव पर देर से खुलेंगे पत्ते -नगर निकाय चुनाव-18
उत्तराखंड-नगर निकाय चुनाव-18 में ईवीएम का इस्तेमाल होगा या नहीं, इस पर पत्ते देर से खुल पाएंगे। पिछली बार चार नगर निकायों में राज्य निर्वाचन आयोग ने ईवीएम से चुनाव कराए थे। मगर इस बार स्थिति कई वजह से बदली हुई है।
हालांकि राज्य निर्वाचन आयोग ने ईवीएम की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार से 12 करोड़ का बजट मांगा है, लेकिन इस मामले में सब कुछ आसान नजर नहीं आ रहा है।
राज्य निर्वाचन आयोग के पास करीब 1700 ईवीएम हैं। इस संख्या बल के बूते वह पिछली बार देहरादून, हरिद्वार समेत चार नगर निकायों में ईवीएम से चुनाव कराने में सफल रहा था। मगर इस बार दून और हरिद्वार समेत सभी जगहों पर बडे़ पैमाने पर सीमा विस्तार हुआ है। दून की ही बात करें, तो 72 गांव इसके साथ जुड़ने जा रहे हैं।
ऐसे में आयोग खुद महसूस कर रहा है कि ईवीएम का इस्तेमाल सारी स्थिति को ध्यान में रखकर ही किया जा सकेगा। कुछ ईवीएम में तकनीकी दिक्कतें भी बताई जा रही हैं। आयोग ने भले ही सरकार से नई ईवीएम के लिए बजट की मांग कर दी है, लेकिन जिस तरह की वित्तीय स्थितियों से सरकार गुजर रही है, उसमें ईवीएम के लिए बजट मिलने की बहुत कम उम्मीद है।
ये ही नहीं, देश के कुछ हिस्सों में ईवीएम की गड़बड़ियों की शिकायतों के बाद भारत निर्वाचन आयोग ने नई ईवीएम की खरीद से पहले कुछ औपचारिकताओं को जरूरी किया है। वैसे, आयोग का पूरा फोकस इस समय निर्वाचन नामावलियों के काम को ढर्रे पर लाने की तरफ है। ईवीएम के मसले पर वह अपने स्टैंड को अभी घोषित नहीं करना चाहता।
-हमने राज्य सरकार से नई ईवीएम की खरीद के लिए बजट मांगा है। बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि बजट की स्थिति क्या रहती है। अपने पास उपलब्ध ईवीएम के इस्तेमाल का जहां तक सवाल है, उसमें ये ही कहना चाहूंगा कि हम वक्त आने पर उचित फैसला करेंगे।
-सुवर्धन, राज्य निर्वाचन आयुक्त, उत्तराखंड।
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