12 साल तक की लड़की से रेप-गैंगरेप पर फांसी; कैबिनेट की बिल को मंजूरी
मध्य प्रदेश कैबिनेट ने उस बिल को मंजूरी दे दी है जिसके तहत 12 साल या उससे कम उम्र की लड़की से रेप या गैंगरेप के दोषी को फांसी दी जाएगी। सीएम शिवराज सिंह की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में यह फैसला किया गया।- फाइल
भोपाल.मध्य प्रदेश कैबिनेट ने उस बिल को मंजूरी दे दी है जिसके तहत 12 साल या उससे कम उम्र की लड़की से रेप या गैंगरेप के दोषी को फांसी दी जाएगी। सीएम शिवराज सिंह की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में यह फैसला किया गया। मध्य प्रदेश असेंबली का विंटर सेशन शुरू होने वाला है और इसी सेशन में यह बिल लाया जाएगा। बता दें कि पिछले महीने राजधानी में कोचिंग से लौट रही एक स्टूडेंट के साथ चार लोगों ने गैंगरेप किया था। इसके बाद राज्य में काफी विरोध प्रदर्शन हुए थे।
एक लाख का जुर्माना भी
- दंड विधि (मध्य प्रदेश अमेंडमेंट बिल) 2017 में बदलाव करते हुए धारा-376ए में ए-डी को भी जोड़ा गया है। इस बदलाव को रविवार को कैबिनेट मीटिंग में मंजूरी दे दी गई।
- नए बिल में कहा गया है कि रेप या गैंगरेप के दोषियों पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया जाएगा। शादी का झांसा देकर संबंध बनाना भी अपराध माना जाएगा और इसके लिए सजा दी जाएगी।
विंटन सेशन में पेश होगा बिल
- पिछले मंगलवार को भी कैबिनेट की मीटिंग हुई थी लेकिन तब इस बिल पर फैसला टल गया था। उस दौरान कुछ मंत्रियों कहा था कि अगर इस बिल में सजा-ए-मौत को मंजूरी दी जाती है तो रेप करने वाला फंसने के डर से विक्टिम की जान ले सकता है।
- यह मामला उठने के बाद सीएम ने कहा था कि बिल के मसौदे पर एक बार और चर्चा की जाएगी। हालांकि, सीएम ने ये भी साफ कर दिया था कि बिल विंटर सेशन में ही लाना है लिहाजा इस पर तेजी से काम हो।
सीएम ने कहा था, नरमी से काम नहीं चलेगा
- चर्चा के दौरान पुलिस अफसरों ने फांसी की सजा को ज्यादा सख्त बताया तो शिवराज ने कहा- हत्या के दोषियों को भी फांसी की सजा का प्रोविजन है, लेकिन कितनों को फांसी हो गई? रेप के मामलों में नरमी से काम नहीं बनेगा। फांसी का प्रोविजन जरूरी है। इसके बाद सभी इस पर सहमत हो गए।
4.30 लाख रेग्युलर इम्प्लॉईज का बढ़ेगा डीए
- राज्य के 4.30 लाख से ज्यादा रेग्युलर इम्प्लॉईज का डीए बढ़ाने का फैसला भी कैबिनेट में लिया गया। अब कर्मचारियों को चार की जगह 5 फीसदी महंगाई भत्ता मिलेगा। यह फैसला 1 जुलाई 2017 से लागू होगा।
Next article
लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के प्रहरियों/ रक्षकों तथा निष्पक्ष पत्रकारिता के संवाहकों की रक्षा नितांत आवश्यक