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झारखंड का जामताड़ा जिला साइबर ठगों का गढ़

जामताड़ा। झारखंड का जामताड़ा जिला साइबर ठगों का गढ़ बन चुका है। देशभर में होने वाली साइबर ठगी की घटनाओं के तार देर-सबेर यहां से जुड़ जाते हैं। आलम यह है कि विभिन्न राज्यों की पुलिस यहां आए-दिन चक्कर काटती है। जिले के गांव-गांव में साइबर अपराधी कुकुरमुत्ते की तरह उग आए हैं। यहां के करमाटांड थाना क्षेत्र को ही लें, तो 17 राज्यों में साइबर ठगी करने वाले सैकड़ों अपराधी इस एक इलाके से गिरफ्तार हो चुके हैं। यह सिलसिला लगातार जारी है। इस वर्ष ही इस गांव से 160 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। इनमें से 64 को दूसरे राज्यों की पुलिस रिमांड पर ले गई है।
ये साइबर ठग खुद को बैंक अधिकारी बता लोगों को फोन करते हैं। एटीएम कार्ड को आधार से जोड़ने या एटीएम की अवधि बढ़ाने जैसी बातें कर एटीएम का नंबर, पासवर्ड और अन्य जरूरी जानकारी हासिल कर लेते हैं। इस तरह विभिन्न साइबर अपराधों को ये अंजाम देते हैं। ठगी कर मोटी रकम उड़ाते हैं। करमाटांड़ से ऐसे ही एक अपराधी विक्की मंडल की हालही गिरफ्तारी हुई, जिसके पास से दो महंगी कारों और कैश समेत करोड़ों की संपत्ति जब्त की गई। यहां से अब तक एक दर्जन महिला अपराधियों की भी धरपकड़ हो चुकी है। जामताड़ा की एसपी डॉ. जया रॉय ने बताया कि यह गांव ही नहीं बल्कि पूरा जिला साइबर ठगों का अड्डा बन गया है। इस साल लगभग तीन सौ अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। जबकि दो सौ अपराधियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि कभी भी अपने बैंक अकाउंट, एटीएम व पासवर्ड आदि की जानकारी किसी को भी न दें। इस तरह की कॉल आने पर पुलिस व बैंक प्रबंधन को तुरंत सूचित करें। मंत्री-सांसदों को भी नहीं छोड़ा : झारखंड पुलिस की मानें तो जामताड़ा जिले में 1500 से अधिक युवा संगठित हो विभिन्न साइबर अपराधों को अंजाम दे रहे हैं। परिजनों का समर्थन भी इन्हें मिलता है। पिछले दिनों एक केंद्रीय मंत्री से साइबर ठगों ने करीब 1.80 लाख रुपये ठग लिए थे। दिल्ली पुलिस ने उस मामले में करमाटांड से दो आरोपियों को पकड़ा था। इसी तरह, केरल के एक सांसद से 1.60 लाख रुपये की साइबर ठगी के मामले में भी यहां से दो युवकों की गिरफ्तारी हुई थी।
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