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सतपुड़ा विधि महाविद्यालय में मीडिएशन जागरूकता कार्यक्रम

म.प्र.उच्च न्यायालय जबलपुर के न्यायमूर्ति श्री सुशील कुमार पालो के मुख्य आतिथ्य में आज सतपुड़ा विधि महाविद्यालय में मीडिएशन जागरूकता कार्यक्रम संपन्न हुआ । जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री एल.डी. बौरासी, पुलिस अधीक्षक श्री गौरव तिवारी, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र सिंह बैस, सतपुड़ा विधि महाविद्यालय के अध्यक्ष श्री सत्येन्द्र वर्मा, वरिष्ठ एवं कनिष्ठ अधिवक्तागण, न्यायाधीशगण, प्रशिक्षित मीडिएटर, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार, शासकीय महाविद्यालय एवं सतपुड़ा विधि महाविद्यालय के शिक्षक व प्रोफेसर तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित थे । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति श्री पालो द्वारा वर्तमान परिस्थिति में न्यायालयीन प्रक्रिया के परिणाम, पक्षकारों की सोच, धारा 89 सिविल प्रकिया संहिता एवं उसमें विवादों के निराकरण के संबंध में बताये गये तरीके, लोक अदालत, मध्यस्थता एवं सुलह तथा बीच-बचाव के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई । उन्होंने मीडिएशन प्रकिया एवं उसमें अपनाये जाने वाली टेक्निक्स के साथ ही अमेरिका एवं अन्य विकसित देशों में इसके व्यापक प्रयोग के बारे में बताते हुये सन् 2008 से 2011 तक आयोजित विभिन्न लोक अदालतों में राजीनामा द्वारा निराकरण किए जाने वाले सभी मामलों के आंकड़ों की जानकारी देते हुए अधिवक्ताओं से मीडिएशन प्रकिया में रूचि दिखाते हुये पक्षकारों को सहभागी बनाने पर जोर दिया । उन्होंने संविधान का उद्देश्य बताते हुये कहा कि प्रत्येक नागरिक को लाभ मिले और सभी के साथ न्याय हो । उन्होंने बम्बई के अधिवक्ता श्री फिरदौश कराचीवाला का जिक्र करते हुए बताया कि वे पहले नियमित अधिवक्ता थे, किंतु जब उन्होंने मीडिएशन का प्रशिक्षण प्राप्त कर मीडिएशन प्रक्रिया को समझा तो अपने अधिवक्ता व्यवसाय को छोड़कर स्वयं का ही एक मीडिएशन सेंटर स्थापित कर लिया तथा आज वे देश-विदेश में कई महत्वपूर्ण उद्योगपतियों एवं अन्य फर्मो के बीच मध्यस्थता करा रहे हैं । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति श्री पालो ने पति-पत्नी के मध्य विवाद के तीन अलग-अलग मामलों एक भरण-पोषण, दूसरा बच्चों की कस्टडी और तीसरा पति के विरूद्ध प्रताडना के मामलों में मध्यस्थता द्वारा मामलों का निराकरण कर परिवार को बचाने संबंधी वाक्या सुनाया जिसमें उन्होंने स्वयं मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी । उन्होंने प्रोजेक्टर प्रेजेन्टेशन के माध्यम से एक फिल्म भी दिखाई जिसमें दो सगे भाई पैतृक मकान के दावे के आधार पर कोर्ट में लड़ते हुये मीडिएशन प्रकिया के माध्यम से समझौता कराते हैं और खुशी-खुशी परिवार विघटित हुये बिना वे गले लगकर घर जाते हैं । उन्होंने महाभारत में भी युद्ध के पूर्व श्रीकृष्ण द्वारा मध्यस्थता किये जाने की चर्चा करते हुये कहा कि यह प्रक्रिया आदिकाल से ही प्रचलित है। वर्तमान में इसे वैज्ञानिक व तकनीकी रूप देकर न्यायालयों में प्रयोग किया जा रहा है। उन्होंने विद्यार्थियों एवं अन्य व्यक्तियों से भी समाज व देश में जाने वाले कार्य का उदाहरण भी दिया। उन्होंने प्रारंभ में दीप प्रज्जवलित कर एवं माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ भी किया । कार्यक्रम में जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री बौरासी द्वारा मध्यस्थता संबंधी प्रावधानों और कार्यवाही के बारे में बताते हुये इसके कई फायदे भी बताये । उन्होंने कहा कि मध्यस्थता एक प्रगतिशील प्रकिया है जिससे समय व धन की बचत होने के साथ ही विवादों का निराकरण होता है और पारिवारिक व सामाजिक वातावरण बना रहता है। मीडिएशन सेंटर के समन्वयक एवं सचिव श्री संदीप कुमार पाटिल द्वारा मीडिएशन प्रक्रिया एवं ए.डी.आर. भवन में मध्यस्थता कक्ष और जिला मीडिएशन मॉनीटरिंग कमेटी के संबंध में बताया । जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री बैस ने न्यायमूर्ति श्री पालो द्वारा सन् 2006 में ए.डी.जे. के रूप में सेवाये देने के साथ ही उनके सरल स्वभाव की चर्चा की। सतपुड़ा विधि महाविद्यालय के अध्यक्ष श्री सत्येन्द्र वर्मा द्वारा महाविद्यालय का इतिहास बताते हुये इस संस्थान से शिक्षा प्राप्त कई महत्वपूर्ण व्यक्तियों के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एवं जिला न्यायाधीश बनने के बारे में जानकारी दी तथा महाविद्यालय की प्रोफेसर श्रीमती अमृता सिरपुरकर द्वारा न्यायालय में न्याय प्राप्त करने की जटिल प्रक्रिया, संविधान की मूल भावना एवं इसके उद्देश्य तथा वर्तमान परिस्थिति में न्याय की स्थिति के संबंध में चर्चा करते हुए मीडिएशन प्रक्रिया के कानूनी प्रावधान एवं इसके फायदे बताये । कार्यक्रम में महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई । कार्यक्रम में न्यायमूर्ति श्री पालो का पुष्पहारों से स्वागत भी किया गया। कार्यक्रम के अंत में कालेज के प्राचार्य श्री अश्विनी जैसवाल द्वारा आभार व्यक्त किया गया तथा कार्यक्रम का संचालन मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी श्री एम.के. त्रिपाठी द्वारा किया गया। अनुसूचित जाति/जनजातीय कार्य विभाग के मंत्री द्वारा दिये गये निर्देशों के परिपालन में जिले में 6 से 30 नवंबर तक विभागीय छात्रावासों/आश्रमों में छात्रावास माह का आयोजन किया जा रहा है । इस छात्रावास माह के दौरान भारत स्वच्छता अभियान के अंतर्गत जिले के सभी छात्रावासों/आश्रमों में पुताई, रंगाई, साफ-सफाई आदि किये जाने के साथ ही अनुपयोगी सामग्री का अपलेखन भी कराया जायेगा । इस दौरान आमंत्रित जनप्रतिनिधियों, अतिथियों, पालकों और अभिभावकों के समक्ष पारिवारिक गोष्ठी, सांस्‍कृतिक कार्यक्रम, पर्यावरण पर निबंध/चित्रकला प्रतियोगिता और स्वच्छता पर भाषण/प्रश्नमंच प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा तथा विद्यार्थियों की शैक्षणिक प्रगति और दैनिक क्रियाकलाप की रिपोर्ट तैयार की जायेगी, प्रतियोगिता में प्रथम आने वाले विद्यार्थियों एवं सर्वश्रेष्ठ अनुशंसित, अच्छे आचरण और सर्वाधिक उपस्थिति वाले छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया जायेगा । कलेक्टर श्री जे.के.जैन ने जिले के 189 छात्रावास/आश्रमों में छात्रावास दिवस समारोह में भाग लेने के लिये जिले में कार्यरत अधिकारियों को नामांकित कर उन्हे आयोजित कार्यक्रमों में उपस्थित रहने के निर्देश दिये है।
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रियाज़ खान चितौड़गढ़ के नेतृत्व में पत्रकारों ने दिया ज्ञापन

लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के प्रहरियों/ रक्षकों तथा निष्पक्ष पत्रकारिता के संवाहकों की रक्षा नितांत आवश्यक