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विधानसभा सत्र: भोपाल गैंगरेप मामला सदन में गूंजा, गौर ने अपनी ही सरकार को घेरा

भोपाल। भोपाल गैंगरेप सहित प्रदेश के अन्य स्थानों पर महिलाओं के खिलाफ हो रही लगातार घटनाओं के मामले उठाते हुए विपक्ष ने प्रदेश सरकार पर जोरदार हमला बोला। शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन आज सदन में कांग्रेस के रामनिवास रावत, नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह सहित कई विधायकों ने भोपाल के शक्ति कांड का मुद्दा उठाते हुए सरकार को घेरा। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर एक बार फिर अपनी ही सरकार के लिए परेशानी का सबब बने। गौर ने कुपोषण के मुद्दे पर सरकार पर सवाल उठाए। महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध को लेकर विपक्ष ने स्थगन भी लगाया। कांग्रेस विधायकों ने सदन में इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की। इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीताशरण शर्मा ने आश्वस्त किया कि वे विषय का परीक्षण कर अपना फैसला सुनाएंगे। विपक्ष के हमले पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि सरकार दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराध करने वालों के लिए फांसी की सजा का कानून ला रही है। इसके अलावा जबलपुर से विधायक तरुण भनोत सहित कई विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष से अफसरशाही की शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि अधिकारी उनके पत्रों का जवाब नहीं देते। प्रश्न काल में उठे इस विषय पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा ने भी विधायकों का पक्ष लेते हुए मंत्रियों को ताकीद किया कि वे इस बात को सुनिश्चित करें कि विधायकों द्वारा लिखे जाने वाले पत्रों के जवाब समय पर दिए जाएं और जो लोग इन दिशा निर्देशों का पालन नहीं करते हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इधर कुपोषण के मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने विपक्ष के सुर में सुर मिलाते हुए अपनी ही सरकार पर सवाल उठाए। गौर ने कहा प्रदेश में कुपोषण क्यों नहीं रुक रहा है और इसके लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं। इसके जवाब में महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनीस ने कहा कि कुपोषण के स्तर में कमी आई है लेकिन कोई भी यह पूरी तरह दावे से नहीं कह सकता है कि समस्या से निजात पा लिया गया है।
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रियाज़ खान चितौड़गढ़ के नेतृत्व में पत्रकारों ने दिया ज्ञापन

लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के प्रहरियों/ रक्षकों तथा निष्पक्ष पत्रकारिता के संवाहकों की रक्षा नितांत आवश्यक