कानून के शासन के सिद्धांत का उल्लंघन
पीठ ने कहा, “जब केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के समक्ष मामला लंबित हो तो किसी जिम्मेदार पद पर बैठे किसी भी व्यक्ति को कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि यह कानून के शासन के सिद्धांत का उल्लंघन होगा।” न्यायालय ने वकील मनोहर लाल शर्मा की उस याचिका को भी रद्दी की टोकरी में डाल दिया, जिसमें फिल्म ‘पद्मावती’ की विदेश में रिलीज पर आपत्ति जताई गई थी। शर्मा की याचिका पर आपत्ति जताते हुए अदालत ने कहा कि यह अवांछित है