छतरपुर में महोबा रोड के चौड़ीकरण के नाम पर बजट ठिकाने लगाने की तैयारी
- नाप मध्य रोड से 55-55 फुट, पर विस्तार मात्र 15-15 फुट
- फ्लाई ओवर ठन्डे बस्ते में और चौड़ीकरण का घोड़ा,, कैसे सुधरेंगे हालात
(खेमराज चौरसिया/धीरज चतुर्वेदी, छतरपुर बुंदेलखंड)
सरकार के बजट को आम लोगो को सुविधा देने की आढ़ में किस तरह ठिकाने लगाया जाता है, इसका जीता जागता सबूत छतरपुर के महोबा रोड के चौड़ीकरण में देखने को मिलता है। नगरपालिका ने वर्तमान सड़क के मध्य से 55 फुट तक नाप की पर सड़क को मात्र 15 फुट चौड़ा किया जा रहा है। यानि बजट भी फूँक दिया जायेगा पर आमलोगो को जाम से मुक्ति नहीं मिलेगी।
नेशनल हाई वे झाँसी-खजुराहो फोर लेंन से आकाशवाणी तिराहे तक भारी और स्थानीय वाहनों के दवाब के कारण हमेशा जाम के हालातो से आमलोग पिछले कई वर्षो से परेशान है। कुछ महीने पहले महोबा रोड पर वर्तमान 20 फुट चौड़ी मध्य सड़क से दोनों तरफ 55-55 फुट की नपाई हुई। इस नाप के भीतर आने वाले बिजली के पोल की जगह नये पोल लगाए गये। जिस पर लाखो रूपये खर्च किया गया। उम्मीद थी कि 110 फुट चौड़ी सड़क के निर्माण के बाद जाम से मुक्ति मिल यातायात सुगम होगा और इस मार्ग पर बढ़ते सड़क हादसे थमेंगे। एक पुराना मुहावरा है कि कपड़ा नापो अधिक, फाड़ो कम। यानि बाते बड़ी बड़ी पर हकीकत कुछ ओर। यही तस्वीर नगरपालिका दिखा रही है। नपाई हुई 110 फुट की, लेकिन अब सड़क को दोनों तरफ मात्र 15-15 फुट चौड़ा किया जा रहा है। ज्ञात हो कि आकाशवाणी तिराहे से पन्ना रोड तक इसी तरह 15-15 फुट सड़क का चौड़ीकरण किया गया था। जिस पर रेवड़ी पटरी वालो का कब्ज़ा है, वहीँ वाहन पार्किंग हो रहे है। आवागमन के लिये वहीँ पुरानी सड़क है जो आमजन के लिये मुसीबत है। ठीक यही हाल महोबा रोड के भी होंगे। सवाल उठ रहे है कि लाखो रूपये फूकने के बाद आमजनता को क्या मिलेगा। एक ओर तो जन के प्रतिनिधि है जन के दुश्मन बन गये है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने छतरपुर शहर की तकलीफ को देख फ्लाई ओवर की सौगात दी थी। आकाशवाणी तिराहे से महोबा रोड तक 90 करोड़ की लागत से 1800 मीटर का फ्लाई ओवर शहर के वरदान था। मंत्री जी की घोषणा और भूमि पूजन के बीच ना जाने क्या ऐसी खिचड़ी पकी जिसने फ्लाई ओवर का स्वरुप ही बदल दिया। समझ से परे है कि केंद्र का मंत्री घोषणा 1800 मीटर लम्बाई के फ्लाई ओवर की करते है पर भूमि पूजन करीब 750 मीटर का करते है। अचानक यह बदलाव क्यों हुआ जिसका कटु सत्य क्षेत्रीय सांसद एवं केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक और सत्ता से जुड़े पुराने जन प्रतिनिधियों से जुडा है। जिनकी जनता के प्रति ईमानदारी अब बेईमान घोषित हो रही है। आखिर फ्लाई ओवर की लम्बाई क्यों, कैसे और किन कारणों से कम कर दी गई। यहाँ तक कि मध्यप्रदेश सरकार के लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव ने किन नेताओं के दवाब में फ्लाई ओवर निरस्त करने की सिफारिश भेज दी। आज आम जनमानस इसे समझ नहीं पा रहा है। जनता में धारणा बन चुकी है कि सत्ता से जुड़े लोग ही जनता से बेईमानी कर विकास के दुश्मन बन चुके है। मध्यप्रदेश में इसी साल चुनाव भी होने है और छतरपुर का फ्लाई ओवर सहित महोबा रोड से आकाशवाणी तिराहे तक जाम के बुरे हालात, सड़क हादसों में आकाल मौत प्रमुख मुद्दा रहेगा। अब सत्ता से जुड़े फ्लाई ओवर का पर्दे के पीछे विरोध करने की कालिख लगाए नेता किस मुँह से विकास का ज्ञान देकर जनता के मत को पक्ष में ला पाएंगे यह तो चुनाव परिणाम तय करेंगे। फिलहाल तो केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और वीरेंद्र खटीक की विश्वासनीयता सवालों में है। छतरपुर की नगरपालिका भी आमजनता को धोखा देकर सड़क चौड़ीकरण का सपना दिखा रही है। फ्लाई ओवर बे-ईमान की भेंट और नगरपालिका का सड़क चौड़ीकरण भी वह अद्भुत विकास जो नापता है 110 फुट पर हकीकत बनता है 30 फुट।